Biography

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Roin Raga

"रागा बन्धुओं का यह चौथा उपन्यास है। जातिवाद पर आधारित ‘पंडित दलित’ आपका काफ़ी चर्चित उपन्यास रहा है। इसके अलावा ‘मिख्ला’ और ‘राइट—मैन’ आपके श्रृंखला उपन्यास हैं। 'परिसा' आपका शीघ्र प्रकाश्य उपन्यास है, जो कि एक नारीवादी रचना है। आप बड़ी से बड़ी कल्पना गढ़ने में माहिर हैं। इसलिए लोग आपको 'फैंटेसी के जादूगर' कहते हैं।

राजस्थान के भरतपुर शहर में एक अनाथाश्रम में अपनी ज़िन्दगी का अधिकांश वक़्त बिताने के बाद, आप अब जयपुर में रह रहे हैं। आप साहित्य की कथा और कथेतर दोनों ही विधाओं में लिखते हैं। लेखन की शुरूआत आपने प्राइमरी स्कूलिंग के वक़्त ही कर दी थी। कहानियां, आत्मकथा और ढेर सारी कविताएं उस दरम्यान आपने रचीं।

समाधान केंद्रित लेखनी के लिए जाने जाने वाले आप दोनों युवा न केवल आज को बारीकी से आलोकित करने वाले साहित्यकार हैं, बल्कि एक बेहतर कल के निर्माण की आवश्यक बुनियाद रखने वाले चिंतक भी हैं। इस क्रम में 'द कॉन्सेप्ट ऑफ ऑर्फोल्ड होम' आपका एक महत्त्वपूर्ण विचार है।

आपकी कविताओं की संवेदना अमूर्त दुनिया की सच्चाई, प्रकृति और समाज के कमज़ोर तबक़े से उठकर आती हैं।"